राजिम-छत्तीसगढ़ के राजिम कुंभ कल्प में शुक्रवार को महाशिवरात्रि के दिन तीसरा और अंतिम शाही स्नान हुआ। इसके साथ ही करीब 15 दिन से चल रहा कुंभ समाप्त हुआ। इसमें देश भर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु और साधु-संन्यासी पहुंचे थे।
रात करीब 2 बजे से ही सोंढूर, पैरी और महानदी के संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी थी। मान्यता है कि यहां त्रिवेणी संगम में स्नान से पापों का नाश हो जाता है। इसी आस्था और विश्वास के साथ लोग स्नान करने के लिए पहुंचते।

साधु-संतों ने निकाली पेशवाई
सुबह करीब 10.20 बजे पेशवाई की शुरुआत हुई। इसमें साधु-संत, महामंडलेश्वर शामिल थे। नागा साधुओं ने करतब दिखाते हुए शस्त्रों का प्रदर्शन किया। संत समागम स्थल से साधु-संत घोड़े रथ बग्गी में सवार होकर निकले। इसके बाद संगम तट पर पहुंचकर स्नान किया।
इस दौरान अखाड़ों को देखने और साधुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सड़कों के किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्ति भाव से सराबोर श्रद्धालुओं के साथ हजारों की संख्या में ग्रामीण भी दर्शन के लिए पहुंचे और पेशवाई के साक्षी बने।
पर्यटकों ने राजिम कुंभ कल्प की तारीफ की
इस बार राजिम कुंभ कल्प में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानियों का आगमन हुआ है। इटली और जर्मनी से पहुंचे पर्यटकों ने राजिम कुंभ कल्प की संस्कृति, धर्म और आस्था के अनूठे मिलन को देख राजिम कुंभ कल्प की तारीफ की और उन्होंने कहा कि यहां का कल्चर देखकर वे काफी खुश हैं।

