Monday, October 27, 2025
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स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ नेवरा में हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया स्वतंत्रता दिवस समारोह

देश भक्ति की भावना की बुनियाद संस्कार है और संस्कार युक्त शिक्षा आज की सबसे प्रथम आवश्यकता है;ठाकुर राम

तिल्दा नेवरा -छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज तिल्दा राज द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद विद्यापीठ नेवरा में 78 वा स्वतंत्रता दिवस समारोह उत्साह और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज तिल्दा राजप्रधान ठाकुर राम वर्मा ने समारोह में ध्वजारोहण किया । इसके पहले समाज के आध्यात्मिक स्तंभ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी आत्मानंद महाराज की पूजा अर्चना की गई,

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए  मुख्य अतिथि के आसंदी से छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के राजप्रधान ठाकुर राम वर्मा ने कहा.आज का दिन पुरे देश वासियों के साथ हम सबके लिए काफी अहम है,77 वर्ष पूर्व 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुआ था।और आज हम सब यहां आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं।आजादी… तीन शब्दों से मिलकर बना है। इसी आजादी को पाने के लिए भारत ने 200 साल तक अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी। भारत की स्वतंत्रता की यात्रा अपार बलिदान, साहस और एकता से भरी हुई है। 1857 के विद्रोह से लेकर भारत छोड़ो आंदोलन तक, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारी स्वतंत्रता के लिए कई चुनौतियों का सामना किया।स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा दिन है जो हमें स्वतंत्र और सुरक्षित महसूस कराता है। यह हमें हमारे महान नेताओं की प्रेरक यात्रा, निरंतर संघर्षशील प्रयासों और बलिदान की याद दिलाता है।

उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा देश भक्ति की भावना की बुनियाद संस्कार है और संस्कार युक्त शिक्षा आज की सबसे प्रथम आवश्यकता है। उन्होनें बच्चों को तीन बातें जीवन में उतारने का मंत्र दिया, पहला-दिन में 30 मिनट का अनमोल क्षण व्यतीत करना,जिससे बच्चे अपने माता-पिता व बुजुर्गों के साथ पुरानी अविस्मरणीय स्मृतियों के माध्यम से तत्कालीन समय मे उनके जीवन में कठोर परिश्रम, संघर्षशीलता का अहसास करते हुए ये समझ पाएं की परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है,इससे बच्चों में अपने परिजनों से भयमुक्त होकर मित्रवत मधुर संबंध स्थापित करने में मदद मिलेगीदूसरा-बच्चों को सुसंस्कृत जीवन शैली की शुरुआत माता -पिता के नित्यप्रति सम्मान से करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संतान उनसे ऐसा कोई भी अनापेक्षित रूखा व्यवहार न करें जिससे उनके हृदय को ठेस पहुंचे और उनके आंसू छलक जाए,क्योकि जिस छत पर बुजुर्ग मुस्कुराते हुए अर्थात संतुष्ट दिखें तो समझ लीजिए वही वास्तविकता में सम्पन्नता की निशानी हैं। तीसरा मंत्र देते हुए कहा माता-पिता के चरणों में सफलता का राज होता है बच्चे जब घर से बाहर निकले तो माता-पिता के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद प्राप्त करके ही निकले तो इसमें कोई संदेह नहीं कि सफलता आपके कदम चूमेगी।

इस मुके पर कमल नारायण वर्मा क्षेत्र प्रधान, दीपक वर्मा कार्यवाहक अध्यक्ष युवा संगठन, विश्वनाथ वर्मा छात्रावास संगठन, कृष्ण मुरारी वर्मा प्रबंध समिति सदस्य के अलावा प्राचार्य अम्बिका वर्मा,शिक्षक मुरली वर्मा के साथ भाई भागवत वर्मा, श्रीमती सीमा वर्मा,श्रीमती कुमुद वर्मा, समस्त पालक गण, विद्यालय के शिक्षक एवम शिक्षिका बहन सरोज वर्मा ,मंजू लता निर्मलकर, प्रतिभा तिग्गा ,दीपा निषाद, कविता सोनी ,वर्षा साहू ,रुक्मणी साहू ,शिखा वाधवा ,पूनम यादव, कीर्ति निर्मलकर, अंकिता साहू, भाई मनोज निषाद ,बहन हेमिन वर्मा, एवं समस्त छात्र-छात्राए इस विशेष रूप से  उपस्थित रहे

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