महाराष्ट्र के लातूर में एक महिला के सीजेरियन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर्स ने उसके पेट में खून पोंछने वाला रुमाल छोड़ दिया। तीन महीने बाद उसकी हालत बिगड़ी और यह मामला सामने आया।
- महाराष्ट्र के लातूर में महिला की हुई थी डिलीवरी
- टांकों में इंफेक्शन का चलता रहा 3 महीने तक इलाज
- स्कैन में पेट के अंदर नजर आया ट्यूमर, पर था कपड़ा
लातूर : आपने सर्जरी के दौरान पेट में रुई के गोले रह जाने के मामले देखे होंगे। कभी कैंची रह जाती है तो कभी सर्जरी का कोई और टूल। अब महाराष्ट्र के लातूल में ऐसा मामला सामने आया है, जो चौंकाने वाला है। डॉक्टर्स ने सीजेरियन सेक्शन के दौरान एक महिला के पेट में पोछा (खून पोंछने वाला रुमाल) ही छोड़ दिया। वह तीन महीने तक ऐसे ही रही। बाद में हालत बिगड़ी और मामला सामने आया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। अफसरों ने कार्रवाई की बात कही है।
अस्पताल से छुट्टी के बाद टांकों से रिसने लगा पानी
हरीबा को डॉक्टरों ने तीन दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल से छुट्टी होने के कुछ दिनों में ही महिला के पेट से पानी से रिसने लगा। डॉक्टरों ने टांकों में इंफेक्शन की बात कही। उसे लगाने के लिए ऑइनमेंट दिया गया और खाने की गोलियां दी गईं।
ऑस्ट्रेलिया के डॉक्टर्स तक ने किया इलाज
हबीबा दवा खाती रही लेकिन उसे कोई फायदा नहीं मिला। फिर स्थानीय डॉक्टरों ने उसे लातूल के सरकारी अस्पताल भेज दिया। वहां करीब 20 दिनों तक महिला का इलाज चला। उसके बावजूद उसे कोई फायदा नहीं मिला। पेट में दर्द बढ़ने लगा। टांकों की जगह से मवाद आने लगा। उसके बाद महिला ने ऑस्ट्रेलिया में दो निजी डॉक्टरों से इलाज कराया। लेकिन टांके नहीं भर रहे थे तो उन्होंने उमरगा के एक निजी अस्पताल में दिखाया।
डॉक्टर्स ने बताया ट्यूमर
प्राइवेट अस्पताल में हबीबा की सोनोग्राफी और सीटी स्कैन हुआ। जिसके बाद डॉक्टर्स ने उसे बताया कि पेट में ट्यूमर है। ट्यूमर की सर्जरी करने को कहा गया। डॉक्टर्स ने सर्जरी की तो पेट में ट्यूमर जैसा दिख रहा कपड़े का गोला था, जो खून से सना हुआ ट्यूमर जैसा नजर आ रहा था। यह कपड़ा डेढ़ फुट का पोछे वाला कपड़ा था। महिला और उसके परिजनों का आरोप है कि ये कपड़ा औसा के अस्पताल में रह गया।
महिला और उनके परिवार ने आरोप लगाते हुए एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है। सिविल सर्जन ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।