Monday, July 14, 2025
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tilda,इन मंत्रों को जपने से प्रसन्न होंगे बप्पा, जाने भगवान गणेश के मंत्रों का मतलब

19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी के साथ बप्पा का 10 दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव शुरू हो गया है. इन 10 दिनों तक आप बप्पा को याद करके इन 6 मंत्रों का जाप कर सकते हैं.

विघ्नहर्ता भगवान गणेश का महाउत्सव 19 सितंबर 2023 से गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के साथ शुरू हुआ. 10 दिनों तक चलने वाले गणेश उत्सव (Ganesh Utsav) के दौराण भक्त बप्पा की पूजा-अर्चना करके उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. मान्यता है कि बप्पा की पूजा से जीवन के सारे कष्ट, दुःख और परेशानियां खत्म होती हैं. भगवान गणेश (Lord Ganesha) अपने भक्तों पर कृपा की बारिश करते हैं और रिद्धि-सिद्धि से उनकी झोली भरते हैं. इन 10 दिनों में अगर आप इन 6 गणेश मंत्रों का जाप करेंगे तो बप्पा की कृपा आपके उपर जरूर होगी.

गणेश जी के खास 6 मंत्र

1. अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।
मूषक वाहनायैव विश्वेशाय नमो नमः॥

अर्थ: हे हेरम्ब! आपको किसी भी प्रमाणों द्वारा मापा नहीं जा सकता, आप तो परशु धारण करने वाले हैं, आपका वाहन मूषक है, विश्वेश्वर आपको बार-बार मेरा नमस्कार है.

2. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
नागाननाथ श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
अमेयाय च हेरम्ब परशुधारकाय ते।

अर्थ: विघ्नेश्वर, वरदान देनेवाले, देवताओं को अतिप्रिय, लम्बोदर, कलाओं से परिपूर्ण, जगत् हितकारी, गज के समान मुख वाले, वेद और यज्ञ से विभूषित पार्वतीपुत्र को नमस्कार है. हे गणनाथ आपको नमस्कार है.

3. एकदन्ताय शुद्धाय सुमुखाय नमो नमः।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने॥

अर्थ: एक दांत और सुन्दर मुख वाले, जो शरणागत भक्तजनों के रक्षक और प्रणतजनों की पीड़ा को नाश करनेवाले हैं. उन शुद्धस्वरूप गणपति को मेरा बार-बार नमस्कार है.

4. रक्ष रक्ष गणाध्यक्ष रक्ष भक्तानामभयं कर्ता त्राता भव भवार्णवात्॥

अर्थ: हे गणाध्यक्ष रक्षा कीजिए, रक्षा कीजिए. हे तीनों लोकों के रक्षक! रक्षा कीजिए. आप भक्तों को अभय प्रदान करने वाले हैं भवसागर से मेरी रक्षा कीजिए.

5. ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः।।

अर्थ: यह गणेश शुभ लाभ मंत्र है, जिसका अर्थ है, भगवान गणेश की कृपा हमें हर जन्म में मिलती रहे. हम सारी बाधाओं को दूर कर खुशहाल जीवन देने की कामना करते हैं.

6. गजाननाय महसे प्रत्यूहतिमिरच्छिदे।
अपारकरुणापूरतरङ्गितदृशे नमः॥

अर्थ: विघ्नरूप अन्धकार का नाश करनेवाले, अथाह करुणारूप जलराशि से तरंगति नेत्रों वाले श्रीगणेश नामक ज्योतिपुंज को मेरा नमस्कार है.

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.वीसीएन टाइम्स इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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