Monday, July 14, 2025
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tilda, बीमार हुए भगवान जगन्नाथ पूर्ण रूप से हुए स्वस्थ:कल निकलेगी रथ यात्रा…

पिंकी ठाकुर तिल्दा नेवरा

भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ में सवार होकर शहर भ्रमण कर भक्तों को देंगे दर्शन

तिल्दा नेवरा -15 दिन पहले जल यात्रा के बाद बीमार हुए जगत के पालन हार भगवान जगन्नाथ अब पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं। 20 जून को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाएगी इसमें भगवान जगन्नाथ नगर का भ्रमण करेंगे, जिसमें उनके साथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा भी साथ होगी। इसके पहले जगन्नाथ मंदिर में नयन उत्सव का आयोजन किया गया इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।  मंदिर के पुजारी विजय वैष्णव ने बताया कि 4 जून की शाम जल यात्रा और अभिषेक कराए जाने के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए थे।जिसके बाद से भगवान के मंदिर के पट 15 दिन के लिए भक्तों के लिए बंद कर दिए गाए थे । इन 15 दिनों में आयुर्वेद पद्धति से जड़ी बूटियों की मदद से भगवान जी का इलाज होता किया गया ।भगवान के बीमार होने के पीछे एक कहानी भी है उड़ीसा प्रांत के जगन्नाथ धाम में भगवान के एक परम भक्त रघुनाथ दास रहते थे। रघुनाथ दास को एक बार बीमारी हो गई, जिसकी वजह से वह इतने कमजोर हो गए कि उठ बैठ नहीं सकते थे। इसके बावजूद उन्होंने भगवान की सेवा नहीं छोड़ी। लोगों ने उन्हें बीमारी की वजह से अपने से दूर कर दिया और समुद्र किनारे छोड़ दिया। जब वह बीमारी से काफी परेशान हो गए तो भगवान से उन्होंने विनती की।

जिसके बाद स्वयं भगवान जगन्नाथ ने उनको दर्शन दिए और कहा कि मैं आपके कर्मों के फल को दूर नहीं कर सकता, लेकिन इन्हें अपने ऊपर जरूर ले सकता हूं। ऐसे में भगवान जगन्नाथ ने अपने भक्त रघुनाथ दास की बीमारी को अपने ऊपर ले लिया और बीमार हो गए। उसके बाद से हर साल 15 दिन तक भगवान जगन्नाथ बीमार रहते हैं। विजय वैष्णव ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की बीमारी के दौरान भक्त उनके दर्शन नहीं कर सकते। उन्हें प्रसादी देने वाले और जड़ी बूटी देने वाले सेवायत ही मंदिर के अंदर जा सकते हैं।

इस दौरान उन्हें कई तरह की जड़ी बूटी और प्रसादी प्रदान की जाती है। जिससे उनका स्वास्थ्य जल्द सही हो। जड़ी बूटी से बने काढे , चिरायता, गिलोय व फल आदि का भोग लगाया जाता है। भगवान को चावल अधिक पसंद है, लेकिन बीमारी के दौरान उन्हें चावल और अन्न नहीं दिए जाते। वहीं उन्होंने बताया कि स्नान के दौरान भगवान जगन्नाथ का अलग रूप रहता है। स्नान के बाद उनके रूप में बदलाव आ जाता है। जिससे भक्तों को भी यह पता चल जाता है कि भगवान अब बीमार हो चुके हैं।18 को शाम को मंदिर में  नयन उत्सव का आयोजन किया गया ।सोमवार को भगवान जगन्नाथ का छप्पन भोग लगाया गया ।

आज 20 जून को बजे गाजे के साथ  भगवान की रथ यात्रा निकाली जाएगी, नेवरा के जगन्नाथ मंदिर से दोपहर 3 बजे भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर शहर का भ्रमण कर भक्तों को दर्शन देंगे.. देर रात भगवान अपने मौसी के घर पहुंचेंगे. यहां पर 7 दिनों तक भगवान के विश्राम करने के बाद आषाढ़ दशमी तिथि को  भगवान को फिर से जगन्नाथ मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा.. आयोजक मंडल के वरिष्ठ जय नारायण अग्रवाल ने बताया कि रथ यात्रा को लेकर पूरी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है, रथ  का का रंग रोगन करने के साथ चक्कों  और अन्य लगे सामानों की मरम्मत कर रथ को शहर भ्रमण के लिए तैयार किया गया है.. रथ यात्रा में शामिल होने और प्रभु के दर्शन के लिए श्रद्धालु यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं

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