छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग अगर बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता के आधार पर बिजली की दो दरें तय कर दे, तो यह उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर हो सकती है। उत्कृष्ट क्वालिटी, बिना कटौती और ट्रिपिंग के बिजली आपूर्ति के लिए पूरी दर ली जाए। वहीं, खराब गुणवत्ता की आपूर्ति के लिए इससे 25 फीसदी कम दर ली जाए।
दरअसल, दो दरों की मांग छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने आयोग के चेयरमैन को पत्र लिखकर की है। केडिया ने साफ किया है कि बिजली दरों में बढ़ोतरी की चर्चा चल ही रही है। इसलिए उन्होंने बिजली सप्लाई की गुणवत्ता को लेकर आ रही दिक्कतों के आधार पर क्वालिटी आधारित सप्लाई के हिसाब से नई दरें निर्धारित करने का सुझाव दिया है।
उद्योग संघ अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन से सवाल किया कि, उद्योगपति बाजार में जब भी कोई उत्पाद बेचता है, तो उसकी कीमत क्वालिटी के आधार पर निर्धारित होती है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी घटिया क्वालिटी की बिजली बेचकर बढ़िया क्वालिटी की बिजली का दाम कैसे ले सकता है ?
उन्होंने कहा कि, हमें अपना उत्पाद तैयार करने के लिए बिजली खरीदनी पड़ती है। उपभोक्ताओं को छूट होती है कि वह अपनी क्षमतानुसार क्वालिटी और दाम की वस्तुएं खरीद सके, लेकिन बिजली सप्लाई में ऐसा कोई विकल्प क्यों नहीं है ?
विद्युत नियामक आयोग को उद्योग संघ की तरफ से भेजे गए संयुक्त हस्ताक्षरित आवेदन के तथ्यों पर गौर करें, तो इसमें सचाई नजर आती है कि विद्युत वितरण कंपनी लाइन लॉस और बिजली चोरी रोकने में असमर्थ है, तो उसकी जिम्मेदारी उपभोक्ताओं की कैसे होगी ?
उन्होंने सवाल किया है कि गुजरात सरकार लाइन लॉस 3 फीसदी तक पहुंचा सकता है, तो छत्तीसगढ़ 15 फीसदी में क्यों अटका हुआ है? उन्होंने मांग की कि विद्युत कंपनी को बिजली दर बढ़ाने की बजाय बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस घटाने पर ध्यान देकर खराब क्वालिटी की बिजली सप्लाई के दाम नहीं बढ़ाना चाहिए। दो दर लागू करने के नियम बनाने का निर्देश देना चाहिए।
संघ ने दिए कई बहुमूल्य सुझाव
उद्योग संघ अध्यक्ष केडिया ने विद्युत नियामक आयोग को उक्त सुझावों के अतिरिक्त भविष्य में निर्मित होने वाले विद्युत संकट से निपटने अभी से तैयारी करने कहा है। उन्होंने विद्युत उत्पादन में 10 हजार मेगावाट क्षमता की बढ़ोतरी करने, अविलंब योजना बनाने का भी सुझाव दिया। ताकि विद्युत संकट से निबटा जा सके।

संघ के ज्ञापन में अध्यक्ष हरीश केडिया के अतिरिक्त उपाध्यक्ष अरुण अग्रवाल, कोषाध्यक्ष चंद्रकांत भट्ट, सचिव सुनील मारदा, बृजमोहन अग्रवाल, अर्जुन अग्रवाल, अरविंद गर्ग, विनोद अग्रवाल, एसपी चतुर्वेदी, जिला उद्योग संग के अध्यक्ष अनिल सलूजा, सह सचिव शरद सक्सेना, कोषाध्यक्ष राम सुखिजा के भी हस्ताक्षर हैं।