कोरबा -छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में इन दोनों हाथियों ने डेरा जमा रखा है । लगभग 50 हाथियों का दल यहां एक साथ घूम रहा है। हाथियों के झुंड में दतेल हाथी और बेबी एलिफेंट भी वर्तमान में हाथियों का लोकेशन झोलाघाट परिक्षेत्र में है झुलाघाट पिकनिक स्पॉट है यहां पहुंचे पर्यटकों ने हाथियों की मस्ती का वीडियो बना लिया। .
वीडियो में हाथी चिंघाड़ते और बेबी एलिफेंट दौड़ लगाते हुए खेलते नजर आ रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में हाथियों की मौजूदगी के बाद निगरानी बढ़ा दी गई है। तीन दिन पहले इसी दल ने बाझीवन क्षेत्र में करीब 30 किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया था।
इसके अलावा कोरबा वन मंडल के कुडमुरा और पसरखेत वन परिषद में 30 हाथियों की मौजूदगी है। जानकारी के मुताबिक जिले में हाथियों से करीब 200 गांव प्रभावित है। दो दिन पहले हाथियों ने बांझीवन क्षेत्र में जमकर उत्पाद मचाया था। ग्रामीणों के अनुसार, देर रात हाथियों की चिंघाड़ सुनकर भी डर गए थे। एक साथ इतने हाथियों को देखकर उनके हाथ पांव -कांपने लगे थे। रात भर सभी परिवार घरों में डरे हुए थे। उन्हें चिंता थी की कहानी हाथी गांव की तरफ ना आ जाए।
वन विभाग के कर्मचारियों और हाथी मित्र दल ने ग्रामीणों के साथ मिलकर सुबह हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा ।तब जाकर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली ।उनका कहना है कि हाथियों का झुंड पिछले कई महीनो से इस क्षेत्र में विचरण कर रहा है।
हाथियों की बढती संख्या को देखते हुए एतमा वन परिक्षेत्र में बुका पर्यटन स्थल में 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस पर विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया ।कार्यशाला में जंगली हाथियों से सुरक्षा और बचाव के उपायों पर चर्चा की गई। कार्यशाला में जनप्रतिनिधि वन समितियों के पदाधिकारी और स्कूली बच्चे शामिल हुए।
कटघोरा वन मंडल के डीएफओ कुमार निशांत ने बताया कि मुख्यमंत्री और वन मंत्री के निर्देश पर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हाथी संरक्षण के लिए कई योजनाएं बनाई गई है। कोरबा वन मंडल और नवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी ने भी एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें विद्यार्थियों को हाथियों के संरक्षण की जानकारी दी गई। फील्ड दूर में ड्रोन तकनीकी से हाथियों के विचरण को समझाया गया। उन्होंने बताया कि कटघोरा वन मंडल में 50 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। पिछले 15 सालों में यहां हाथियों की आवाजाह बढ़ी है ।इसमें लगभग 200 गांव प्रभावित है ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है।

