बलरामपुर- बलरामपुर जिले का एक वीडियो वायरल हो रहा है.जिसमें सरकारी स्कुल का हेड मास्टर और टीचर इलेवन और नाइनटिन की स्पेलिंग नहीं लिख पा रहे हैं.स्कूल के टीचर और बच्चों को नहीं पता कि छत्तीसगढ़ का सीएम कौन है?.हेड मास्टर को भी जिला कलेक्टर और डीईओ का नाम मालूम नहीं है.स्कुल का एक टीचर भी CM का नाम नहीं बता सके। पहले देखिए इस वीडियो को …

वीडियो आपने ध्यान से देख लिया होगा दरअसल ये वीडियो कुसमी ब्लाक के ग्राम पंचायत मड़वा के घोड़ासोत के प्राइमरी स्कूल का है यहां बच्चों को पढाने के लिए हेड मास्टर और दो टीचर पोस्टेड हैं ये टीचर इलेवन और नाइंनटीन नही लिख पाते इतना ही नही ये टीचर बेसिक बातें भी नहीं बता पाते है..अब हम एक और वीडियो दिखा रहे है इसमें देखा जा सकता है कि जब टीचर से छत्तीसगढ़ के सीएम और राष्ट्रपति का नाम पूछा गया तो वे नहीं बता सके.अब जरा इस वीडियो को दखे ..

इतना ही नही हेड मास्टरसाहब जखरियस केरकटा को बलरामपुर जिले के कलेक्टर और डीईओ का नाम भी नहीं मालूम है.हेड मास्टर बोले कलेक्टर-एसपी-डीईओ का नाम भूल गए है.हेड मास्टर जखरियस केरकटा ने बताया कि वह बलरामपुर जिले के निवासी हैं.लेकिन उन्हें कलेक्टर एसपी औरडीईओ का नाम नहीं पता है.हेड मास्टर ने कहा कि वे भूल गए हैं वे छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री का नाम भी नहीं बता सके
वीडियो वायरल हुआ तो डीईओ मिश्रा ने जांच करने की बात कही है. बता दे की टीचर यहां 5 साल से पढा रहे हैं 60बच्चों का भविष्य इन्हीं तीन टीचर के भरोसे हैं। हेड मास्टर बलरामपुर जिले के घोड़ासोत प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां युक्ति युक्तकरण में हेड मास्टर के साथ दो टीचर पोस्टेड किए गए हैं.हेडमास्टर की तरह टीचर भी छत्तीसगढ़ के सीएम. शिक्षा मंत्री. और जिले के अधिकारियों का नाम नहीं बता सके, ऐसे में बच्चों को ये टीचर क्या पढ़ाएंगे. इस सवाल पर हेड मास्टर जखरियस केरकटा ने कहा जीके जनरल नॉलेज की किताब मिलती है उससे पढ़ा देंगे.
जब इस संधर्भ में बलरामपुर डीईओ मिश्रा से बच्चों की स्थिति को लेकर सवाल किया गया, तो मिश्रा ने कहा कि कुछ नहीं कहना है. बच्चे जनरल नॉलेज पड़ेंगे.शिक्षकोकी स्थिति पर डीईओ ने कहा वे जाँच कराकर कार्रवाई करेगे..
कहते हैं गुरु बिना ज्ञान नहीं.यानी कि बच्चों की सफलता के पीछे अगर कोई है तो गुरु ही होता है, बच्चों के सफलता का श्रेय भी गुरु को ही जाता है. लेकिन जब गुरु ही बच्चों को ज्ञान ना दे पाए तो ऐसे में हम कैसे विश्व गुरु बन पाएंगे। सरकारी स्कूलों का हाल हमें सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर बच्चों का आने वाले समय में भविष्य क्या होगा.छत्तीसगढ़ मैं पिछले 5 सालों में 14910 स्कूल सरकार बंद कर चुकी है.बावजूद शिक्षा और शिक्षकों का हाल बेहाल है.हमारी इस खबर पर आपकी क्या राय है. कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे.,ब्यूरो रिपोर्ट विजन टाइम्स

