तिल्दा नेवरा सिंधी समाज की महिलाओं ने आज सुहाग का प्रतीक टीजड़ी पर्व गरुवार को उत्साह पूर्वक मनाया। सुहागिनों ने निर्जला व्रत रखकर पतियों के लिए दीर्घायु की प्रार्थना की।
सिंधी समाज की श्रीमति पुतली बालचंदानी ने बताया कि प्रति वर्ष अनुसार गरुवार को उनके निवास स्थल पर समाज की महिलाओं ने दोपहर 12 बजे से सामूहिक पूजा अर्चना कर भव्य रूप से सजे झूले में टीजडी़ माता को बारी-बारी से झूला कर सुहाग एवं अपने परिवार के लिए खुशहाली की कामना की,अविवाहित युवतियों ने भी अच्छे वर के लिए प्रार्थना की।
सिंधी समाज की महिला मीना तलारिया एवं शालनी,रानी कोटवानी ने बताया कि करवा चौथ की तरह मनाया जाने वाला टीजडी़ पर्व सावन महीने की कृष्ण पक्ष की तीसरी तारीख यानी राखी के तीसरे दिन तथा जन्माष्टमी से पांच दिन पूर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं सूर्य उदय से पूर्व असुर संरगी करके हाथों में मेहंदी रचाकर निर्जला व्रत आरंभ करती हैं। दोपहर में पूजा अर्चना कर भजन गीतों पर पारंपरिक नृत्य के बाद ब्राह्मण पंडिताइन से कथा सुनकर फल का अल्पाहार करती हैं तथा रात्रि को चंद्र दर्शन के बाद अन ग्रहण कर व्रत का समापन किया जाता है ।
इस अवसर पर माता मंदिर,ढोलूराय के गुरुद्वारे के साथ श्रीमति पुतली देवी के निवास पर कथा का आयोजन किया गया,कथा का श्रवण के बाद सभी महिलाओं के लिए शिकंजी का प्रसाद वितरण किया गया। सेवा में चंदा किरपलानी. भूमि कोटवानी,भारती कोटवानी,उमा पंजवानी, कमला बालचंदानी सहित समाज की सैकड़ो महिलाएं मौजूद रही।