Friday, November 7, 2025
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सरगुजा में गजराज का आतंक चार लोगों को कुचलकर मार डाला लोग दहशत में

सरगुजा – छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में हाथियों का आतंक कम नहीं हो रहा है. बीते 24 घंटे में हाथी के हमले से  चार लोगों को मौत हो चुकी है.हाथियों की लगातार हिंसक घटनाओ से ग्रामीण भयभीत है।

सरगुजा जिले में ग्राम पंचायत चिरगां के बेवरा में एक दतैल हाथी ने चार लोगों की जान ले ली. बुधवार की शाम पिता बेटी अपने खेत में रोपा लगाकर लौट रहे थे. तभी पीछे से आई हाथी ने उन्हें पटक पटक कर मार डाला .इसके पहले सुबह ग्राम बकिला में एक महिला को भी हाथी ने कुचलकर मार डाला. दोनों मामला लुन्ड्रावन  परीक्षेत्र का मामला है.जबकि  आज सुबह ग्राम देवगढ़ के सीतापुर वन परीक्षेत्र में एक दूसरे दातैल हाथी ने एक बुजुर्ग ग्रामीण को कुचल दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई. 24 घंटे के अंदर तीन अलग-अलग हमले में हुई चार लोगो की मौत की खबर के बाद ग्रामीण दहशत में है ,

पहली घटना लुनड्रा वन परिक्षेत्र के ग्रामपंचयत चिरगा अंतर्गत ग्राम बेवरा में बीती शाम  कोरवा 60 साल और उसकी बेटी पियारी 35साल अपनी खेत से रोपा लगाकर लौट रहे थे ,तभी दोनों का हाथी से सामना हो गया.दोनों हाथी के करीब पहुंच गए थे जिसे देख दोनों भागे लेकिन हाथी ने पकड़ लिया और पटक पटक कर मार डाला.घटना जानकारी लुनड्रा वन विभाग और पुलिस को दिया गया ,

इसी तरह ग्राम बकिला में भी  महिला सनमेत बाई अपने पति नेहरू कंवर के साथ घर में थी। उसी समय हाथी पहुंच गया। हाथी से बचने के लिए दोनों विपरीत दिशा में भागे। तभी हाथी ने दौड़ाकर महिला को कुचल दिया। पति ने भागकर किसी तरह जान बचाई।

तीसरी घटना आज सुबह की है लुण्ड्रा वन परिक्षेत्र से 65 किलोमीटर दूर सीतापुर वन परिक्षेत्र की है। जहां ग्राम देवगढ़ में ग्रामीण मोहर साय सैराम (55 साल) सुबह 6 बजे अपने खेत गया था। जहां उसका सामना 2 हाथियों से हो गया। उसी में से एक हाथी ने मोहर साय को कुचलकर मार डाला।​​​​​​हाथी के हमले में पिता-पुत्री की मौत की खबर मिलने पर सरगुजा DFO अभिषेक जोगावत, वन विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जहां घटना हुई है, वह दूरस्थ इलाका है।

जानकारी के मुताबिक, वर्तमान में लुण्ड्रा में आतंक मचा रहा हाथी बलरामपुर जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र से भटककर पहुंचा है। हाथी धौरपुर से होते हुए लुण्ड्रा,चेंद्रा,उदारी, असकला होते हुए चिरगा पहुंचा था।

वनकर्मियों ने बताया कि दोनों हाथी 30 जुलाई की रात 2.30 बजे तक ग्राम ललितपुर में थे। उनकी निगरानी की जा रही थी। रात करीब ढाई बजे के बाद हाथियों का पता नहीं चला। दोनों हाथी रात में ललितपुर से देवगढ़ पहुंच गए। देवगढ़ में हाथियों के हमले की यह पहली घटना है।लुंड्रा क्षेत्र में उत्पात मचा रहे हाथी की निगरानी में लापरवाही के बाद यह घटना हुई। वहीं, चिरगा पहुंचने पर विभाग ने ग्रामीणों को अलर्ट नहीं किया था। वनविभाग के कर्मियों ने 4 की मौत के बाद आसपास के आधा दर्जन गांवों के लोगों को अलर्ट किया है।

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