बिलासपुर: बिलासपुर का गुरुघासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय एकबार फिर कटघरे में है। विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और स्टूडेंट्स की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामला हॉस्टल से छात्रा के गायब होने और कैंपस में युवक की लाश मिलने से जुड़ा है। छात्र संगठनों ने घटना को लेकर विश्विद्यालय प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मामला पुलिस तक पहुंच गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल, बीते गुरुवार को गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय कैंपस के तालाब में एक युवक की लाश मिली थी। पानी में रहने के कारण लाश की स्थिति खराब हो गई थी। मृतक की शिनाख्ती नहीं हो सकी थी। हालांकि, विश्वविद्यालय कैंपस में लाश मिलने की खबर जैसे ही फैली, हड़कंप मच गया। आनन- फानन में हॉस्टलों में स्टूडेंट्स की मिसिंग चेक की गई।
इसी बीच विश्वविद्यालय कैंपस के विवेकानंद हॉस्टल से फिजिक्स थर्ड ईयर का एक छात्र असलम अंसारी मिसिंग मिला। पता चला कि, असलम अंसारी बीते मंगलवार से हॉस्टल में नहीं है। बिहार, असलम के घर संपर्क किया गया, वहां भी असलम नहीं पहुंचा था। बाद में आनन फानन में यूनिवर्सिटी प्रबन्धन ने छात्र के गुमशुदगी की सूचना थाने में दर्ज कराई।
कैंपस के हॉस्टल से मंगलवार से गायब था छात्र
इधर कैंपस में मिले लाश को शिनाख्ती के लिए मर्च्युरी में रखा गया। हालांकि, पहनावे व अन्य पहचान के कारण लाश को असलम का माना जा रहा था। भाई के शिनाख्ती के बाद जिसकी पुष्टि भी हो गई। अब सवाल उठ रहा है, एक छात्र कैंपस के हॉस्टल से मंगलवार से गायब था। हॉस्टल वार्डन, प्रभारी व अन्य जिम्मेदारों को इसकी कोई भनक नहीं लगी। इतना ही नहीं कैंपस के ही तालाब में इतने दिन तक लाश तैरती रही, इसके बावजूद प्रबन्धन को कुछ पता नहीं चला। लाश मिलने के बाद भी यूनिवर्सिटी प्रबंधन अपने छात्र की पहचान नहीं कर सका। प्रबंधन की लापरवाही और गैर जिम्मेदार भूमिका पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर परिजनों की शिनाख्ती के साथ पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। शव का पीएम कराया जा रहा है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन से विस्तृत पूछताछ की जा रही है। ये पता लगाया जा रहा है कि, छात्र तालाब तक कैसे पहुंचा। छात्र का क्या किसी से विवाद हुआ था। हॉस्टल से गायब रहने के बावजूद हॉस्टल प्रबंधन ने समय पर इसकी जानकारी क्यों नहीं दी। तमाम सवालों के साथ पुलिस जांच कर रही है। पुलिस को पीएम रिपोर्ट का भी इंतजार है, जिसके बाद घटना हत्या या हादसा इसका खुलासा हो सकेगा।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन की लारवाही का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी छात्र छात्राओं की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं। बीते दिनों भी इसी तरह गर्ल्स हॉस्टल से एक छात्रा मिसिंग थी। हाइवे में छात्रा दुर्घटना की शिकार हो गई। जिसके बाद प्रबंधन को इसकी जानकारी मिली। एक मामले में बिना प्रबंधन की जानकारी के छात्रा हॉस्टल से निकलकर अपने घर पहुंच गई।
इसके अलावा भी कैंपस में मारपीट, विवाद की कई शिकायतें पहले सामने आ चुकी हैं। स्टूडेंट्स का नमाज विवाद भी प्रबंधन की इसी असंवेदनशीलता के कारण पहले सामने आ चुका है। छात्र संगठन यूनिवर्सिटी प्रबंधन के इस रवैए से आक्रोशित हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। SSP को ज्ञापन सौंप छात्र संगठन ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बहरहाल, गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कार्यप्रणाली कटघरे में है। देखना होगा इस घटना के बाद किसी की जिम्मेदारी तय होती है, या फिर प्रबंधन की भर्राशाही जारी रहती है और स्टूडेंट्स की सुरक्षा से खिलवाड़ होते रहता है।

