
तिल्दा नेवरा :अल्ट्राटेक बैकुंठ सीमेंट वर्क्स में प्रत्येक वर्ष अनुसार इस वर्ष भी सुरक्षा दिवस को ” सुरक्षा सप्ताह” के रूप में मनाया गया ..इस अवसर पर 4 मार्च को संयंत्र के मेन गेट पर ध्वजारोहण कर सुरक्षा शपथ लिया गया। उसके बाद लगातार सात दिन 12 मार्च तक कर्मचारियोंके द्वारा सुरक्षा से संबंधित जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान कारखानों के साथ साथ दैनिक जीवन, एव घरो मे सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण, मौखिक, लिखित प्रश्नोत्तरी, डेमो, ट्रेड टेस्ट, आदि कार्यक्रम प्रतुत किए गए ।
इस दौरान खासकर कर यह बताया गया कि सुरक्षा नियम सभी को दिल से अपनाने चाहिए। रविवार को समापन के अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति दी गई.. पुरस्कार वितरण के सुरक्षा सप्ताह का समापन किया गया इस अवसर पर संयंत्र के यूनिट हेड देवनाथ गुहा,के.एन.वी.मूर्ति, बी पी मिश्रा, विकास वर्मा , जय सिघनिया, विवेक बघेल, जी के अवस्थी, उदय लाल सिंग, अदि विशेष रूप से उपस्थित थे |
कार्यक्रम को सम्बोधित करते संयंत्र के यूनिट हैड देव नाथ गुहा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस भारतीय नागरिकों को सुरक्षा की गंभीरता के प्रति जागरूक करने के लिए भारत में हर वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस और सप्ताह मनाया जाता है। सुरक्षा एक अयसी लाइफ लाइन की डोर है। जिसे पकड कर हम जीवन भर सुरक्षित रह सकते हैं। इसे हमे दिल से अपनाना होगा,उन्होंने कहा कि समापन के अवसर पर जो नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गाए वे हमे आनंद के साथ-साथ हमारे जहन मे गहरी यादे दिलाने मे सहायक होगे।
एन वी मूर्ति बहुत ही अच्छी बात कही। सुरक्षा को अपनाने, समझने के लिए कोई समय, सीमा, कोई जगह, कोई उम्र नहीं होता। जिस प्रकार अध्ययन करने के लिए हम जीवन भर कुछ न कुछ सीखते हैं। इसी प्रकार सुरक्षा के बारे में भी हमें जीवन भर सीखना और ग्रहण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षा सिर्फ बोलने से नहीं होगा। इसे हमें दिल से अपनाना होगा ।एच आर हेड विकास वर्मा ने सुरक्षा दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला। बी पी मिश्रा ने कहा हम सब में हमेशा कुछ न कुछ सीखने की अभिलाषा रहनी चाहिए।सुरक्षा प्रमुख अमिया द्विवेदी व अजय चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में पुरे सप्ताह चले कार्यक्रम का आयोजन रामनिवास, अच्युत दीक्षित,शैलेन्द्र मांडले व टीम के द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक मिश्रा ने किया। इस अवसर पर संयंत्र के सभी बड़े छोटे अधिकारी व कर्मचारियों की उपस्थिति रही।