तिल्दा नेवरा-श्रीमद् भागवत कथा परिवार के तत्वावधान में बुधवार को दशहरा मैदान पर भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा से पूर्व सुबह गायत्री मंदिर से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में सैकड़ो की संख्या में महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए चल रही थीं। कलश यात्रा में कथा वाचक पं. ललित वल्लभ नागर्च बग्घी में सवार थे।
गायत्री मंदिर से शुरू हुई कलश यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए दशहरा मैदान पर कथा के लिए बने पंडाल में आकर समाप्त हुई.. साथ ही पंडाल के पास बने नगर भवन में 108 जोड़ों ने भागवत पोथी की स्थापना कर विशेष पूजा-अर्चना कराई पूजा के लिए वृंदावन से 108 पंडित पहुंचे थे.. कलश यात्रा में भागवत कथा परिवार के सदस्य विशेष रूप से शामिल हुए
पहले दिन की कथा में कथा वाचकने भक्तों को भागवत कथा का महत्व बताया। साथ ही भक्ति नारद संवाद का वर्णन किया। उन्होंने भक्तों को ज्ञान और वैराग्य की कथा सुनाई। श्री नागार्च ने कहा कि मनुष्य निजी स्वार्थ के कारण ही भक्ति और ज्ञान से दूर हो रहा है। उन्होंने कहा कि संतों औरगुरु के साथ रहने से मनुष्य को ज्ञान मिलता है और मनुष्य भक्ति के मार्ग पर चलकर मोक्ष के मार्ग पर बढ़ता है। उन्होंने भक्तों से कहा कि लोग समय का बहाना बनाकर भक्ति से दूर होते जा रहे हैं। हमें प्रभु की आराधना के लिए भी समय प्रतिदिन निकालना चाहिए। यदि हम घर में बुजुर्गों का आदर और स्त्रियों का सम्मान करेंगे तो घर में कभी विवाद नहीं होंगे और परिवार आदर्श कहलाएगा। इसके लिए जरूरी है कि हम बच्चों को बचपन से ही धर्म और संस्कारों की शिक्षा दें। कथा के अंत में रश्मि राजावत, सुनील अग्रवाल.निलिम्प अग्रवाल आदि ने भागवत कथा की आरती उतारी।