वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी…
कौन झूठा कौन है सच्चा मोदी, भूपेश कोई नहीं बचा,गंगाजल पर टैक्स और पंद्रा लाख .दोनों दलों की दांव पर साख
झूठे आरोप लगाने पर अपने यहां कोई सजा नहीं है। अघोषित नियम है कि आप विरोधी पर कोई आरोप लगा दो तो आपको उसे साबित करने की जरूरत नहीं है। आप आरोप लगाकर भाग लो। बदनाम कर दो और निकल लो। सामने वाला सर पीटता रहे, हाय-तौबा मचाता रहे। हमारे यहां यही होता आ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी जब रायपुर आए थे तो जनसभा में मंच से उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ का सारा धान केन्द्र सरकार खरीदती है। जबकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का कहना है कि सारा धान सरकार खुद अपने दम पर खरीद रही है इसके लिये सरकार ने मार्कफेड से लोन ले रखा है।
अब भला ये कैसी धुंध है जो छंटती ही नहीं। सारे कागजात् आन रिकाॅर्ड हैं, फिर भी मामला साफ कैसे नहीं हो पा रहा ?
गंगाजल पर बवाल
दोनों दलों का सवाल
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ रमनसिंह ने बयान में कहा है कि कांग्रेस झूठा आरोप लगा रही है कि केन्द्र सरकार ने गंगाजल पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाई है। कांग्रेस का ये आरोप सरासर झूठा है।
दूसरी ओर कांगे्रस ने भाजपा को झूठा बताया है और कहा है कि गंगाजल पर जीएसटी लगा है और भाजपा झूठ बोल रही है। अपनी बात के समर्थन में कांग्रेस पोस्टआॅफिस के कागजात् दिखा रही है।
शराबबंदी पर घेरा कांग्रेस को
राजनांदगांव से कांग्रेस के प्रत्याशी गिरीश देवांगन ने अपने बयान में कहा है कि कांग्रेस शराब बंदी को लेकर गंभीर है। लेकिन कांग्रेस ने कभी भी गंगाजल हाथ में लेकर कसम नहीं खाई थी कि वह शराब बंदी करेगी। ये गंगाजल लेकर शराबबंदी की बात केवल भाजपा द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम है।
बात चाहे किसी की भी सच हो जनता को बड़ी तिलमिलाहट है कि ये नेता किस कदर गलतबयानी करते हैं और जनता को मूर्ख बनाते हैं।
बोलकर पंद्रा लाख
मोदी की गिरा रहे साख
चुनाव चाहे छोटा हो या बड़ा। राज्य का हो या केन्द्र का, सभी इस डायलाॅग को भुनाते जरूर हैं।
इसी तरह का एक भ्रम कांग्रेस सहित हर मोदी विरोधी फैलाता रहा है कि मोदीजी ने घोषणा की थी कि काला धन आएगा तो हर हिंदुस्तानी के खाते में पंद्रा-पंद्रा लाख रूप्ये आ जाएंगे।
बस इस पंद्रा लाख के डायलाॅग को विपक्ष ने लपक लिया और हर हमेशा कोसा करते हैं कि कब आएगा पंद्रा लाख। बात मे कोई दम नहीं फिर भी मोदी की साख पर बन आई है।