बिलासपुर। एसपी कार्यालय में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक ने प्रधान आरक्षक के साथ मिलकर पुलिस कर्मियों के पीएफ खाते में गड़बड़ी करते हुए महिला एएसआई ने फर्जी हस्ताक्षर और चालान के माध्यम से 59 लाख रुपये निकाल लिए। गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर एसपी पारुल माथुर ने मामले की जांच के आदेश दिए। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर एएसआई और प्रधान आरक्षक के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया। इस बीच दोनों फरार हो गए। पुलिस ने बीते दिनों प्रधान आरक्षक को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, वहीं एएसआई की तलाश की जा रही थी। रविवार को सिविल लाइन पुलिस ने ओडि़शा के पदमपुर में घेराबंदी कर महिला एएसआई मधुशीला सुरजाल को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
सिविल लाइन थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने बताया कि तोरवा में रहने वाली एएसआई मधुशीला सुरजाल एसपी कार्यालय में पदस्थ थी। इस दौरान उसने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव के खाते में रुपये नहीं होने के बाद भी 15 लाख रुपये निकाल लिए। इसी तरह उसने अन्य पुलिस कर्मियों के खाते से भी रुपये निकाले। इसके लिए उसने एसपी के फर्जी हस्ताक्षर और सील भी लगाए। साथ ही बैंक के फर्जी चालान प्रस्तुत किए। जांच के दौरान मामला सामने आने पर एसपी पारुल माथुर ने जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए।
सिविल लाइन पुलिस जुर्म दर्ज कर आरोपित प्रधान आरक्षक और एएसआई की तलाश कर रही थी। बीते दिनों पुलिस ने प्रधान आरक्षक संजय श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस बीच एएसआई का सुराग नहीं मिल रहा था। जांच के दौरान पता चला कि महिला एएसआई ओडिशा के पदमपुर में रह रही है। रविवार को जवानों ने ओडिशा में घेराबंदी कर फरार महिला एएसआई को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे थाने लाकर न्यायालय में पेश किया गया है जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए।