Sunday, March 16, 2025
Homeछत्तीसगढ़भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने उनके शीश 11 मिट्टी के कलशों...

भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने उनके शीश 11 मिट्टी के कलशों की गलंतिका बांधी

उज्जैन। उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार सुबह 6 बजे से भगवान को शीतलता के लिए 11 मिट्टी के कलश बांधकर सतत् जलधारा प्रवाहित करने के लिए गलंतिका बांधी गई। दो महीने तक सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक भगवान के शीश पर ठंडे पानी से अभिषेक होगा। वैशाख महीना शुरू होने के साथ ही मोक्षदायिनी शिप्रा नदी पर भी स्नान के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर की परंपरा अनुसार वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से गर्मी की शुरुआत मानी जाती है। कहा जाता है कि वैशाख व ज्येष्ठ दो माह अत्यधिक गर्मी वाले होते हैं, इसलिए दो महीने भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए उनके शीश 11 मिट्टी के कलशों की गलंतिका बांधी जाती है। इन कलशों से सतत जलधारा प्रवाहित की जाती है। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा पर शुक्रवार सुबह छह से गलंतिका बांधी गई। यह क्रम दो महीने तक प्रतिदिन सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक रहेगा।
दो महिने शिप्रा स्नान का महत्व
वैशाख मास में शिप्रा स्नान का विशेष महत्व है। देश भर के श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने पहुंचते हैं। इस दौरान वैशाख प्रतिपदा से पूर्णिमा तक एक माह शिप्रा स्नान करने भी जाते हैं। वैशाख में कल्पवास के साथ ही दान-पुण्य करने का विशेष महत्व होता है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments