तिल्दा नेवरा,पंचांग की गणना के अनुसार 15 दिसंबर को सुबह 4.42 बजे सूर्य का वृश्चिक राशि को छोड़कर धनु राशि में प्रवेश होगा। धनु में सूर्य के प्रवेश को लेकर यह धनु संक्रांति कहलाएगी। इसी दिन से शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। एक महीने तक शहनाइयों की गूंज सुनाई नहीं देगी। सूर्य की धनु संक्रांति विशेष इसलिए बताई जाती है, क्योंकि धनु संक्रांति में ही पौष माह आता है। पौष माह सूर्य की विशिष्ट आराधना का बताया गया है।
पं. संतोष शर्मा के अनुसार, 16 दिसंबर को सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही सभी तरह के मांगलिक कार्यों पर एक माह के लिए विराम लग जाएगा। इस माह केवल 15 दिसंबर तक ही शहनाई बजेगी। इसके बाद 16 जनवरी तक मुंडन, सगाई और गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं होंगे। इस अवधि को मलमास कहा जाता है। नए वर्ष 2023 में 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होने के साथ मलमास समाप्त होगा। इसके बाद शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।
पं. शर्मा ने बताया कि बृहस्पति की राशि धनु में जब सूर्य का प्रवेश होता है, तो वह धर्म व अध्यात्म संस्कृति से संबंधित परिस्थितियों को परिवर्तित करते हैं। इसी कारण महर्षियों ने इस संक्रांति के दौरान धार्मिक तीर्थ यात्रा तथा भगवत भजन कथा श्रवण का अनुसरण करने का अनुक्रम बताया है।
इसलिए विवाह नहीं होते हैं
धनु राशि में प्रवेश करने के कारण सूर्य कमजोर हो जाता है। ऐसी स्थिति में वर को सूर्य का बल नहीं मिलता। जब वर को सूर्य और वधु को गुरु का बल तथा दोनों को चंद्रमा का बल मिलता है, तभी शादी-विवाह के योग बनते हैं। विवाह के लिए सूर्य महत्वपूर्ण कारक ग्रह है, इसलिए धनुर्मास में विवाह पर शुभ कार्य नहीं होते हैं। 14 जनवरी 2023 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश कर उत्तरायण होने के साथ समाप्त होगा। ऐसा कहा जा सकता है कि धनु राशि के सूर्य की साक्षी में धर्म तथा तीर्थ की यात्रा के लिए विशेष लाभ देने वाला रहता है।