सतगुरु धाम गोरखेड़ा में पांच दिवसीय राम रसायन महायज्ञ का शुभारंभ..
‘तिल्दा नेवरा-सतगुरु धाम गोरखेड़ा में पांच दिवसीय राम रसायन महायज्ञ का शुभारंभ सोमवार को सतविप्र समाज सेवा एवं सद्गुरु कबीर सेना के संस्थापक सद्गुरु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने किया.. इसके पहले स्वामी जी के सद्गुरु धाम आश्रम गोरखधाम में पहुंचने पर उनके अनुयायियों ने भव्य स्वागत किया एवं गुरु के जयकारे लगाए| इस अवसर पर स्वामी कृष्णानंद जी महाराज ने दिव्य सत्संग करते हुए कहा कि. भारतीय दर्शन में यज्ञों का बड़ा महत्व है। वैदिककाल से यज्ञों का उल्लेख मिलता है। सामान्य अर्थों में” हवन को ही यज्ञ समझा जाता है, जिसमें अग्नि में मंत्रों सहित देवताओं को घी और अन्न प्रदान किया जाता है,
जिससे समस्त देवी देवता प्रसन्न होते हैं। गीता में यज्ञमय जीवन जीने का संदेश दिया गयाहै। यज्ञमय जीवन का अर्थ है आसक्ति रहित जीवन। संदेश यह है कि केवल अपने स्वार्थों के लिए जीने काकोई अर्थ नहीं है । हम परहित के लिए कार्यरत रहेंतो आसक्ति आ ही नहीं सकती। भगवान कृष्ण कहते हैं किकेवल अपने लिए पकाया अन्न तो पाप है और यज्ञसम्पन्न किए बिना उसका उपभोग चोरी है ।लेकिन परहित है क्या ? हमारा इस संसार में अपना क्या है ? यह शरीर भी हमारा अपना नहीं है। हमारा मन भी हमारा नहीं है। परिवार और समाजतो हम सबसे अलग दिखता ही है, इसलिए इन सबके और आनंद के लिए कर्म करना ही यज्ञ है।
यज्ञमय जीवन जीने का संदेश सिर्फ गीता में हीनहीं है, मनु स्मृति में भी कहा गया है कि विद्या पढ़नाब्रह्म यज्ञ है। माता पिता को तृप्त रखना पितृ मेघ यज्ञ है। होम देव यज्ञ है । प्राणियों के लिए अन्न कासमर्पण करना भूत यज्ञ है तथा अतिथि सत्कार नर यज्ञहै। प्रकृति करती है प्रतिदिन यज्ञ-वह हमें जीवन कोयज्ञमय बनाने का संदेश देती है।जो भी कार्य निःस्वार्थ भाव से किया जाएगा वह यज्ञ कहलाएगा ।हमारा सुख, आनन्द यज्ञ पर निर्भर है। यदि हमयज्ञमय जीवन को स्वीकार नहीं करेंगे तो समाज मेंहिंसा, लूटपाट, घृणा और अहंकार का विकास होगाऔर अंततः उसका शिकार भी हम ही होंगे ।‘राम रसायन यज्ञ’ वर्तमानकाल का सबसे महत्वपूर्ण यज्ञ है।
संतोष शर्मा ने बताया कि सद्गुरु स्वामी कृष्णानंद जी महाराज के सानिध्य में प्रतिदिन प्रातः कालीन 6 बजे वंदन सुबह 8 से 9 बजे तक देव पूजन. 9से 12 तक यज्ञ हवन.. और 12 से 1 बजे तक महाआरती. संपन्न होंगी 2 से 5 बजे राम कथा के साथ स्वामी जी का दिव्य प्रवचन होगा..