तिल्दा नेवरा-छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है। छठ व्रती खरना पूजा करने के बाद प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया।
इससे पहले सुबह-सुबह व्रतियों ने नदियों और तालाबों में स्नान किया और जल लेकर घर पहुंचे। इसी जल से खरना का प्रसाद तैयार किया। छठ व्रतियों ने गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद तैयार कर भगवान भास्कर को भोग लगाया।
इस साल खरना पूजा मूल नक्षत्र में किया गया है, जिसे ज्योतिष शास्त्र में काफी शुभ माना गया है। इसमें पूर्वाषाढ़ नक्षत्र के साथ सुकर्मा योग है। इस नक्षत्र में खरना पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस शुभ संयोग में पूजा करने से व्रतियों को विशेष फल और आशीर्वाद मिलता है।