उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव कर दिया है। कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली रायबरेली और अमेठी सीट पर जीत का गणित तैयार करने की जिम्मेदारी दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को सौंपी गई है। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रायबरेली और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अमेठी की जिम्मेदारी दी है। दोनों की गिनती गांधी परिवार के करीबी नेताओं में की जाती है। रायबरेली सीट से इस बार राहुल गांधी मैदान में उतरे हैं, उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है। जबकि, अमेठी सीट से कांग्रेस ने गांधी परिवार के नजदीकी किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है। उनका मुकाबला केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से होगा, जिन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में अमेठी से राहुल गांधी को चुनाव में हराया था।
कांग्रेस की ओर से लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामांकन के बाद पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत 20 मई को मतदान होना है। इस प्रकार करीब मतदान से 14 दिन और प्रचार अभियान खत्म होने के महज 12 दिन पहले ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं। ऐसे में इन दोनों नेताओं के लिए आखिरी समय में जीत का गणित तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं है। लोकसभा चुनाव के दौरान यह दूसरा मौका है, जब पार्टी ने इन दो कद्दावर नेताओं को अहम जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए ‘नेशनल अलायंस कमेटी’ बनाई थी। इसमें भी पार्टी ने इन दोनों नेताओं को शामिल किया था। इन नेताओं को इंडिया गठबंधन में शामिल सभी विपक्षी दलों के साथ सीट शेयरिंग फॉर्मूला तैयार करने की जिम्मेदारी भी सौंपी थी।
इस बीच प्रियंका गांधी छह मई से खुद रायबरेली और अमेठी में कैंप करने जा रही हैं। प्रियंका के साथ गहलोत और बघेल की ड्यूटी लगाने से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस रायबरेली ही नहीं, राहुल गांधी की छोड़ी हुई अमेठी सीट पर भी डटकर चुनाव लड़ेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि प्रियंका गांधी ने प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। अब वे दोनों सीटों पर प्रचार करते हुए नजर आएंगी। प्रियंका सैकड़ों ‘नुक्कड़ सभाएं’, बैठक और घर-घर अभियान कार्यक्रम आयोजित करेंगी। केंद्र रायबरेली होगा, जहां वह एक गेस्ट हाउस में ठहरेंगी। बूथ प्रबंधन से लेकर आउटरीच तक, सब कुछ वह ही संभालेंगी। सूत्रों ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों और दशकों से गांधी परिवार के साथ पारिवारिक संबंध रखने वाले लोगों तक पहुंच शुरू हो चुकी है। प्रियंका गांधी इन दोनों सीटों के डिजिटल और सोशल मीडिया अभियान की भी निगरानी करेंगी। वे लगभग 250-300 गांवों को कवर करेंगी और दोनों निर्वाचन क्षेत्रों को पर्याप्त समय देंगी।

