रायपुर में बजरंग दल ने युवाओं को बंदूक चलाने, तलवार बाजी करने, लाठी भांजने जैसे कामों की ट्रेनिंग दी। दरअसल, 12 से 19 मई तक बजरंगदल ने शौर्य प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। ये एक तरह का कैम्प था, जहां प्रदेशभर से आए युवाओं को योग, व्यायाम और सेल्फ डिफेंस जैसी चीजे सिखाई गईं।
इस कैम्प को लेकर बजरंग दल के प्रांत संयोजक ऋषि मिश्रा ने दैनिक भास्कर को बताया कि, एक मिलिट्री ट्रेनिंग की तरह यहां यूथ को ट्रेंड किया गया। यह पूछे जाने पर कि इसकी क्या जरूरत थी, ऋषि ने बताया कि यूथ को हेल्दी एक्टविटी से जोड़ना चाह रहे थे। अब हर कोई सेना में नहीं जा सकता, मगर मिलिट्री की तरह ट्रेनिंग देकर ये कोशिश की गई है कि वो फिजिकल तौर पर फिट हों।

यहां हुआ कार्यक्रम
बजरंग दल का यह शौर्य प्रशिक्षण वर्ग 7 दिनों तक रायपुर राजधानी के धनेली में हुआ। लगातार सात दिनों तक विहिप के केन्द्रीय मंत्री और प्रांत के पदाधिकारियों ने यूथ को सनानत संस्कृति के बारे में बताया और फिजिकल ट्रेनिंग भी दी। इस शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में छत्तीसगढ़ के सभी जिलों से लगभग 180 बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल हुए।
रायपुर के बिरगांव में शौर्य जागरण यात्रा पथ संचलन किया गया। जो कि बिरगांव के अडवाणी स्कूल से प्रारंभ होकर बिरगांव नगर में पैदाल मार्च करते हुए वापस आडवानी स्कूल परिसर में सभा के रूप में समापन हुआ। बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक निरज दनोरिया ने इस दौरान सभी जिलों से आए बजरंगियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लगातार 7 दिनों की ट्रेनिंग के बाद आप सभी देश, धर्म, संस्कृति की रक्षा के लिए सेना के रूप में काम करें।