Sunday, December 8, 2024
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अपने ही लिखे लेटर में फंसे मुख्यमंत्री! बढ़ सकती है सरकार की मुश्किलें, कांग्रेसी सीएम को लिखी थी चिट्ठी

रायपुर: छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सियासत तेज हो गई है। 14 नवंबर से शुरू हो रही धान खरीदी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर कई आरोप लगाए हैं। वहीं, बीजेपी सरकार का कहना है धान खरीदी के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इसी बीच कांग्रेस ने एक लेटर जारी किया है। अब इस लेटर को लेकर सियासत तेज है। कांग्रेस ने जिस लेटर को जारी किया है उसे मौजूदा सीएम विष्णुदेव साय ने लिखा था। दरअसल, चार साल पुराने लेटर को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी और मुख्यमंत्री से सवाल किया है।

9 नवंबर 2021 को विष्णुदेव साय ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को एक लेटर लिखा था। उस समय विष्णुदेव साय प्रदेश अध्यक्ष थे। विष्णुदेव साय ने अपने लेटर में कई बातों का जिक्र किया था। अब कांग्रेस ने उसी लेटर के आधार पर मौजूदा सीएम को घेरने की कोशिश की है। चार साल बाद अब राज्य में बीजेपी की सरकार है और विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री हैं।

क्या लिखा था लेटर में विष्णुदेव साय ने

भूपेश बघेल को लिखे लेटर में विष्णुदेव साय ने धान खरीदी का मुद्दा उठाया था। विष्णुदेव साय ने लिखा था- “आपको विदित होगा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी करने वाली 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। संघ समितियों से कमीशन काटे जाने का विरोध कर रहा है। बीजेपी इन कर्मचारियों के आंदोलन का समर्थन करती है।” उन्होंने कहा था कि सूखत के कारण धान खरीदी में जो शॉर्टज आई है उसकी भरपाई इन समितियों से राशि काट कर की जा रही है।

भूपेश बघेल ने बोला हमला

विष्णुदेव साय के इसी लेटर को लेकर कांग्रेस ने हमला बोला है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा- छत्तीसगढ़ में तीन दिन बाद यानी 14 नवंबर से धान खरीदी शुरु होनी है, लेकिन धान खरीदी करने वाली 2,058 समितियों के लगभग 13000 कर्मचारी चार नवंबर से हड़ताल पर हैं। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ ने तीन सूत्रीय मांगें रखी हैं। पहला ये कि मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रत्येक समितियों को तीन-तीन लाख का अनुदान दिया जाए। दूसरा पुनरीक्षित वेतनमान और तीसरा ये कि सुखत का प्रावधान करते हुए प्रति क्विंटल 500 ग्राम की क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया जाए, तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा के कमीशन की राशि समितियों को दी जाए।

इन तीन मांगों में से दो मांगें वही हैं जो कर्मचारी संघ ने 2021 में उठाई थीं। उस समय हमारी सरकार थी और मैं मुख्यमंत्री था। वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। उस समय साय ने मुझे संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की मांगों का समर्थन किया था। अपने पत्र में साय ने सुखत का प्रावधान करने व कर्मचारियों के संविलियन की बात की थी। लेकिन अब उनकी ही सरकार और इन्हीं मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल कर रहे हैं।

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