किसान नता राजू शर्मा की पहल:तिल्दा विकासखंड के ग्राम टंडवा के किसानो को प्रदाय किए गए अमानक बीज का मिलेगा मुआवजा ..
तिल्दा नेवरा-जिला पंचायत सदस्य राजू शर्मा ने शनिवार को रायपुर जिला पंचायत की हुई सामान्य सभा की बैठक में तिल्दा विकासखंड के ग्राम टंडवा में कृषि विभाग द्वारा प्रदाय किए गए बीज की बुवाई के बाद फसल उत्पादन नहीं होने का मामला उठाया. इसके अलावा उन्होंने क्षेत्र में जर्जर हो चुकी सड़कों के मरम्मत की भी मांग की.. उन्होंने बैठक में पूछा कि उनके द्वारा अमानत बीज वितरण किए जाने की शिकायत के बाद क्या कार्रवाई की गई है ।
इस मामले में उपसंचालक कृषि जिला रायपुर ने जांच प्रतिवेदन का हवाला देते हुए बताया कि 106 कृषकों के द्वारा 483 बोरी 144.90 क्विंटल धान बीज क्रय कर कुल रकबा 269.5 एकड़ में बुवाई की गई थी उक्त सभी कृषकों का बीज की राशि एवं बोनी में हुआ कुल व्यय जिसकी गणना प्रति एकड़ राशि रुपए 1800 की दर से करते हुए कुल राशि मुआवजा कृषकों को दिए जाने हेतु बीज निगम को पत्र प्रेषित कर अनुशंसा की गई है। मुआवजा की राशि कृषकों को देने के लिए कार्यालय इन पत्र क्रमांक 2613 रायपुर 27 अगस्त को प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड मुख्यालय सरदार वल्लभभाई पटेल भवन सेक्टर 24 किया बंध मार्ग नया रायपुर अटल नगर रायपुर को प्रेषित किया गया है।
बैठक में अमानक बीज के संबंध में सभापति राजू शर्मा को दी गई जानकारी के बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में विशेष रूप से उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री. तंग्राम वर्मा सांसद बृजमोहन अग्रवाल एवं विधायक के सामने कई अनेक मुद्दों पर उनका ध्यान आकर्षित किया .श्री शर्मा ने पीडब्ल्यूडी विभाग आडे हाथों लेते हुए कहा कि विभाग को जानकारी होने के बाद भी जर्जर हो चुकी सड़कों की मरम्मत नहीं की जा रही है. उन्होंने बताया कि सकरा से सरोरा तिल्दा मार्ग 10 किलोमीटर तक की बनी सड़क की हालत काफी जर्जर हो चुकी है, जबकि यह सड़क शहर को अंतिम छोर पर बसे भूमिया तारपोंगी से जोड़ता है ..इसी तरह मोहरेगा कठीया, मोहरा, हिरमी, मार्ग 16 किलोमीटर पूर्ण रूप से से गड्डो भरा हुआ है.. इस सड़क से अल्ट्राटेक उद्योग की बड़ी-बड़ी गाड़ियों का आना-जाना होता है जिसके कारणआए दुर्घटना भी हो रही है, उस रास्ते को अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग से निर्माण कराने की भी बात कही. इसके अलावा उन्होंने रेडी टू फूड बच्चों को दिए जाने वाला पोषण आहार का कार्य महिला समूह को देने की मांग की. उन्होंने ज्यादातर गांव में आधी-अधूरी पड़ी नल-जल योजना पूर्ण कराने की मग रखी .