करणी विहार इलाके की रजनी विहार कॉलोनी में 17 अक्टूबर की रात आरएसएस कार्यकर्ताओं पर चाकूबाजी करने के आरोपी नसीब सिंह चौधरी के बेटे भीष्म सिंह को भी जमानत मिल गई हैं। इससे पहले आरोपी की पत्नी निर्मला चौधरी को 23 अक्टूबर को जमानत मिल गई थी।
जयपुर मैट्रो द्वितीय की एडीजे-2 कोर्ट ने भीष्म सिंह को जमानत देते हुए कहा कि आरोपी पर छेड़छाड़ और मारपीट करने के आरोप लगाए गए हैं। लेकिन पुलिस ने पीड़ित महिला के बयान ही नहीं करवाए। वहीं जिन लोगों के साथ मारपीट का आरोप लगाया गया है। उनकी मेडिकल रिपोर्ट भी पुलिस डायरी में नहीं हैं।
हालांकि मुख्य आरोपी नसीब सिंह चौधरी की दीपावली जेल में ही बनेगी।
बाप-बेटे की जमानत याचिका हो गई थी खारिज़ आरोपियों के अधिवक्ता गिर्राज प्रसाद शर्मा ने बताया कि इससे पहले नसीब सिंह चौधरी और भीष्म सिंह की जमानत याचिका एसीएमएम-5 कोर्ट ने खारिज़ कर दी थी। जिसके बाद हमने भीष्म सिंह की ओर से डीजे कोर्ट में अपील की। इस पर एडीजे-2 कोर्ट ने भीष्म सिंह को जमानत दी। उन्होने कहा कि हमने अभी नसीब सिंह चौधरी की ओर से जमानत याचिका नहीं लगाई हैं।
आरोपियों ने कहा-पुलिस उनका मामला दर्ज नहीं कर रही आरोपियों की ओर से एसीएमएम-5 कोर्ट में इस्तगासा भी पेश किया जा चुका हैं। जिसमें आरोपियों ओर से कहा गया है कि पुलिस हमारी एफआईआर दर्ज नहीं कर रही हैं।
हम केवल मंदिर में मौजूद लोगों से यह कहने गए थे कि रात के साढ़े 10 बज चुके हैं। बच्चियां पढ़ाई कर रही है। ऐसे में शोर शराबा बंद कर दे। लेकिन मंदिर में मौजूद लोगों ने हमारे साथ मारपीट की। हमारे घर में खड़ी गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। लेकिन पुलिस हमारी एफआईआर दर्ज तक नहीं कर रही हैं। इस्तगासे पर कल अदालत सुनवाई करेगी।
17 अक्टूबर की रात हुई थी चाकूबाजी जयपुर में एक मंदिर के जागरण में 17 अक्टूबर की रात चाकूबाजी में RSS से जुड़े 10 लोग घायल हो गए थे। हमलावरों ने चाकू से लोगों के पेट और छाती पर वार किए थे। हमले से गुस्साई भीड़ ने दिल्ली-अजमेर हाईवे पर जाम लगा दिया था। पुलिस ने लोगों को समझाकर रात करीब डेढ़ बजे जाम खुलवाया था। आक्रोशित भीड़ ने हमलावरों के घर पर पथराव भी किया था। पुलिस ने मामले में नसीब चौधरी, उसकी पत्नी निर्मला और बेटे भीष्म चौधरी को अरेस्ट कर लिया था।