गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर निकली नगर कीर्तन शोभा यात्रा
तिल्दा नेवरा-गुरु नानक देव के प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में शुक्रवार को तिल्दा नेवरा सिन्धी समुदाय की ओर से गुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई में नगर कीर्तन भव्य शोभा यात्रा निकली गई। पूरा नगर ‘जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ आदि गुरु वाणी से गूंज उठा। इस मौके पर जगह-जगह समाज के द्वारा शोभा यात्रा का स्वागत कर प्रसाद के रूप में फल, प्रसाद आदि का वितरण किया गया। श्री ढोलुराय जी के गुरुद्वारा और भाई गुरमुख दास जी बड़े गुद्वारा में श्रधालुओ की भीड़ रही,यहाँ ग्रंथ साहिब की पालकी सजाई गई।सुबह गुरुनानक देव की जयंती पर गुरुद्वारा आए सभी को बधाई दी गई.
इस मौके पर पूज्य सिंधी पंचायत हाल में गुरु नानक देव की जयंती धूमधाम से मनाई गई, यहां गुरु ग्रंथ साहब पालकी सजाई गई थी, प्रतिदिन सुबह से प्रभात फेरी निकालकर पालकी को सजाकर शहर में भ्रमण कराया जा रहा था। शुक्रवार को सुबह भाई मोहन दास उदासी जी के नेतृत्व में पालकी सजाकर बाजे गाजे के साथ प्रभात फेरी एवं गुरु नानक देव जी की शोभायात्रा निकाली गई शोभा यात्रा समाज के लोग नाचते हुए गुरु नानक देव जी के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। पूरा शहर धन गुरु नानक, सारा जग तारिया के जयकारों से गूंजायमान हो रहा था।
शोभा यात्रा में पालकी के आगे महिलाओं के साथ साथ पुरुष पानी गिराकर झाड़ू लगाकर सफाई करते चल रहे थे। पालकी के साथ पंज प्यारे चल रहे थे।समाज की महिलाए,बच्चे विभिन्न प्रकार के परिधानों में कार्यक्रम प्रस्तुत करते चल रहे थे। इस मौके पर शोभायात्रा का एक दर्जन से भी अधिक जगहों पर आतिशी स्वागत कर प्रसाद के रूप में फल बिस्कुट व अन्य सामग्री का वितरण किया . समाज के वरिष्ठ जनों के साथ युवा वर्ग बड़ी संख्या में शामिल हुआ। शहर भ्रमण के बाद शोभा यात्रा 11 बजे पूज्य सिंधी पंचायत हाल पहुंची जहां अखंड पाठ साहब का भोग लगाकर समापन किया गया ।
भाई मोहन उदासी के द्वारा शहर प्रदेश एवं देश शांति और तरक्की की कामना करते हुए अरदास की गई। दोपहर 1 से आमला घर शुरू हुआ जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने प्रसाद के रूप में भोजन ग्रहण किया। इस मौके पर पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष शमन लाल खूब चंदानी. खेमचंद विरानी छमनलाल बालचंदानी.हीरानंद हरीरामानी.कन्हैया जोतवानी. रामचंद्र संतवाणी, जयपाल माधवनी. रोशन आहूजा. रूपा संतवाणी,रमेश वीरानी,राजेश जेठवानी,सुनील हरिरामानी सहित बड़ी संख्या में सिंधी समाज के लोग उपस्थित थे.