बलौदाबाजार-बलौदाबाजार में राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम (चिरायु) की टीम स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर चंदन कुमार के निर्देश पर बलौदा बाजार की चिरायु टीम ने दो बच्चों में क्रमशः स्तन में गांठ और जन्मजात श्रवण बाधिता की पहचान कर उसका इलाज कराया गया है।
जिला विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ.अभिजीत बनर्जी ने बताया कि ग्राम अर्जुनी की 6 साल की बच्ची श्रेया ध्रुव के पिता किसान हैं। बच्ची के पिता ने जानकारी दी की जन्म से ही उनकी बेटी को सुनने की समस्या रही है। कई जगहों पर जांच करवाने के बाद चिरायु दल के संपर्क में आने पर बच्ची के ऑपरेशन की व्यवस्था की गई।
बच्ची के कान में कॉक्लियर मशीन लगाया गया है जिससे अब उसे सुनाई देने लगा है। इस ऑपरेशन में चिरायु की डॉ. किरण देवांगन की टीम ने सहयोग किया गया। निजी अस्पताल में इसका इलाज 2 लाख से ऊपर का होता है लेकिन चिरायु के माध्यम से होने पर एक रुपये भी परिवार को देना नहीं पड़ा। उनके पिता ने इस सफल आपरेशन पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन के प्रति आभार जताया।
चिरायु में स्तन में गांठ का केस मिलना पहला मामला
इसी तरह एक दूसरे प्रकरण में बलौदाबाजार शहर की एक 16 साल की किशोरी में चिरायु की डॉ.आरजू परवीन की टीम द्वारा स्तन में गांठ की पहचान की गई। इसका इलाज रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में किया गया। जिले में चिरायु टीम द्वारा स्तन के गांठ की पहचान कर उसका इलादज किया गया। चिरायु में इस तरह का केस मिलना पहला मामला है।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर ने बताया कि चिरायु टीम स्कूलों तथा आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर रही है। इसमें किसी प्रकार की बीमारी पाई जाने पर उनके इलाज की निःशुल्क व्यवस्था की जाती है।